127261. لقيط1 127262. لِقِيمَة1 127263. لَقِيمَة1 127264. لقِيه1 127265. لَقِيَهُ1 127266. لَقِيَه وأعضاءُ1127267. لُكُّ1 127268. لكّ1 127269. لك3 127270. لَكَ 1 127271. لكء1 127272. لَكَأَ1 127273. لكأ12 127274. لكأه1 127275. لَكَأَهُ1 127276. لكئ1 127277. لِكَاس1 127278. لكاع1 127279. لُكَانُ1 127280. لَكَانِيّ1 127281. لكب4 127282. لكت2 127283. لكتوز1 127284. لكتيز1 127285. لكث7 127286. لكثه1 127287. لكح5 127288. لَكَحَهُ1 127289. لكِدَ1 127290. لَكِدَ1 127291. لكد11 127292. لَكِدَ 1 127293. لَكْزُ1 127294. لَكَزَ1 127295. لكز15 127296. لكزه1 127297. لكس5 127298. لكش3 127299. لكشه1 127300. لكض3 127301. لكط1 127302. لكع16 127303. لَكِعَ1 127304. لَكُعَ 1 127305. لكف4 127306. لكك7 127307. لكلك2 127308. لكم12 127309. لَكَمَ 1 127310. لِكِمَاري1 127311. لكمه1 127312. لِكَمِّيَّة1 127313. لِكُمَيْم1 127314. لِكَمِيم1 127315. لَكِن3 127316. لكن13 127317. لَكِنَ1 127318. لَكَنَ 1 127319. لَكَّهُ1 127320. لكه1 127321. لكو1 127322. لَكْوَة1 127323. لِكُوَرا1 127324. لكى2 127325. لكَي2 127326. لكي3 127327. لَكِيَ1 127328. لَكِيَ 1 127329. لِكَيَّالِي1 127330. لَكْيَانِي1 127331. لِكَيْلَا تَأْسَوْا...1 127332. لل1 127333. للامة1 127334. للب1 127335. للسل1 127336. للعامِرِيّ1 127337. للقَلَنْسُوَةِ1 127338. للك1 127339. لِلَّمَى1 127340. للنَّعْجَةِ1 127341. لَلَّهْ1 127342. للو1 127343. لَلُّو1 127344. للوَسْوَاسِيّ1 127345. لَلَى1 127346. للي1 127347. لِلَّيْلَى1 127348. لم8 127349. لمَ1 127350. لِم1 127351. لمّ1 127352. لَمِ1 127353. لَمَّ1 127354. لَمْ تحضر سِوَى امرأتين...1 127355. لَمْ تَذْرُوها1 127356. لَمْ تُوَاتِيك1 127357. لم لم1 127358. لَمْ ولَنْ1 127359. لَمْ يَتَسَنَّهْ1 127360. لَمْ يَتَعَدَّاه1 Prev. 100
«
Previous

لَقِيَه وأعضاءُ

»
Next
لَقِيَه وأعضاءُ
الجذر: ع ض

مثال: شكره لما لقيه وأعضاءُ الوفد المرافق من حفاوة
الرأي: مرفوضة
السبب: للعطف على الضمير المرفوع المستتر بدون فاصل.

الصواب والرتبة: -شكره لما لقيه هو وأعضاءُ الوفد المرافق من حفاوة [فصيحة]-شكره لما لقيه وأعضاءَ الوفد المرافق من حفاوة [فصيحة]-شكره لما لقيه وأعضاءُ الوفد المرافق من حفاوة [صحيحة]
التعليق: إذا كان المعطوف عليه ضميرًا مرفوعًا متصلاً أو مستترًا، فالفصيح عند العطف عليه أن يفصل بينه وبين المعطوف بالتوكيد أو بغيره أحيانًا، كقوله تعالى: {كُنْتُمْ أَنْتُمْ وَءَابَاؤُكُمْ} الأنبياء/54، وقوله تعالى: {اسْكُنْ أَنْتَ وَزَوْجُكَ الْجَنَّةَ} البقرة/35، وأجاز بعض النحويين العطف عليه بغير فاصل لوروده في النثر والشعر وإن كان هذا قليلاً، فمن النثر قوله صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ: «كنتُ وأبو بكر وعمر» و «انطلقتُ وأبو بكر وعمر»، وما حكاه سيبويه: مررت برجل سواءٍ والعدمُ، أي: متساوٍ هو والعدم، ومن الشعر قول جرير:
ورجا الأخيطلُ من سفاهة رأيه ما لم يكن وأبٌ له لينالا
وقول الآخر:
مضى وبنوه، وانفردت بمدحهم
والفصل بالتوكيد أفصح. ويجوز في الاسم الواقع بعد الواو أن ينصب على أنه مفعول معه.
Learn Quranic Arabic from scratch with our innovative book! (written by the creator of this website)
Available in both paperback and Kindle formats.