127168. لق3 127169. لَقَّ 1 127170. لَقَا1 127171. لقا3 127172. لِقَاء2 127173. لِقَاءات1127174. لَقَاة1 127175. لِقَاح1 127176. لَقَاط1 127177. لَقَّاط1 127178. لَقَاطِي1 127179. لُقَاعُ1 127180. لُقَانُ1 127181. لَقَانِي1 127182. لقاه2 127183. لِقَايِسِي1 127184. لقب14 127185. لَقَبَ 1 127186. لقبه1 127187. لَقَّبوه شاعر ..1 127188. لَقَبِي1 127189. لِقُبِّي1 127190. لُقْتُهُ1 127191. لقث5 127192. لَقَحَ1 127193. لقح19 127194. لَقَحَ 1 127195. لقحت1 127196. لَقِحَتِ1 127197. لقد2 127198. لقدر1 127199. لِقَرَّاد1 127200. لِقَرَافِي1 127201. لُقُرْشَان1 127202. لِقَرْضي1 127203. لِقِرَى1 127204. لِقَرِيّ1 127205. لقز5 127206. لقس11 127207. لَقَسَ1 127208. لَقَسَ 1 127209. لقست1 127210. لقسنطاس1 127211. لقسه1 127212. لَقَسَهُ1 127213. لِقَسِيم1 127214. لقش4 127215. لقص6 127216. لقِصَ1 127217. لَقَصَ 1 127218. لَقَطٌ1 127219. لقط18 127220. لَقَطَ1 127221. لَقَطَ 1 127222. لَقْطَة1 127223. لُقَطَة1 127224. لُّقَطة1 127225. لَقَطَه1 127226. لقع11 127227. لَقَعَ2 127228. لَقَعَ 1 127229. لَقْفٌ1 127230. لقف16 127231. لَقِفَ1 127232. لَقَفَ1 127233. لَقِفَهُ1 127234. لقق8 127235. لَقَقَ1 127236. لَقْلَقَ1 127237. لقلق7 127238. لَقَمَ2 127239. لقم16 127240. لَقَمَ 1 127241. لُقْمَان1 127242. لقمان1 127243. لقمه1 127244. لَقَنَ1 127245. لقن15 127246. لَقِنَ 1 127247. لَقَنْت1 127248. لقنه1 127249. لقو5 127250. لِقَوِيّ1 127251. لقى5 127252. لَقَى1 127253. لَقِي2 127254. لقي8 127255. لَقِيَ 1 127256. لُقْيَا1 127257. لَقِيَّتْ1 127258. لَقيتُه1 127259. لُقَيْحَة1 127260. لِقَيْد1 127261. لقيط1 127262. لِقِيمَة1 127263. لَقِيمَة1 127264. لقِيه1 127265. لَقِيَهُ1 127266. لَقِيَه وأعضاءُ1 127267. لُكُّ1 Prev. 100
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الجذر: ل ق ي

مثال: لِقَاءات إذاعيّة
الرأي: مرفوضة
السبب: لجمع المصدر، والأصل فيه ألا يُثَنَّى ولا يُجمع.

الصواب والرتبة: -لِقاءات إذاعيَّة [فصيحة]
التعليق: منع بعض اللغويين تثنية المصدر وجمعه مطلقًا، وأجاز ذلك بعضهم إذا أريد بالمصدر العدد أو كان آخره تاء المرَّة، مثل: «رَمْيَة: رَمْيَتان ورميات»، و «تسبيحة: تسبيحتان وتسبيحات»، وكذلك إذا تعددت الأنواع، مثل: «تصريح: تصريحان وتصريحات»، وذلك اعتمادًا على ما جاء في الاستعمال القرآني في قوله تعالى: {وَتَظُنُّونَ بِاللَّهِ الظُّنُونَا} الأحزاب/10، حيث جاءت «الظنون» وهي جمع «الظن» وهو مصدر. وقد أجاز مجمع اللغة المصري إلحاق تاء الوحدة بالمصادر الثلاثية والمزيدة، ثم جمعها جمع مؤنث سالمًا، كما أجاز تثنية المصدر وجمعه جمع تكسير أو جمع مؤنث سالمًا عندما تختلف أنواعه؛ ومن ثَمَّ يمكن تصويب الاستعمال المرفوض، وقد أثبته الأساسي.
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